जानकारी व जागरुकता के अभाव में ज्यादातर महिलाएं हिंसा का शिकार होती हैं। जिस दिन स्त्रियां जागरुक हो गई, उस दिन से उनके उपर जुल्म नही हो पाएंगें। उक्त बात मानव अधिकार जन निगरानी समिति वनारस की संस्थापक सदस्य श्रीमती श्रुति ने सुमित्रा सामाजिक कल्याण संस्थान द्वारा राष्ट्रीय महिला आयोग नई दिल्ली के सहयोग से स्थानीय उत्सव पैलेस में आयोजित दो दिवसीय कानूनी जानकारी षिविर में सन्दर्भ व्यक्तिके रुप में बोलते हुए कही।
सुमित्रा सामाजिक कल्याण संस्थान द्वारा राष्ट्रीय महिला आयोग नई दिल्ली के सहयोग से प्रारम्भ की गई दो दिवसीय कार्यशाला का उदघाटन नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती हीरा देवी ने दीप प्रज्वलित कर किया कार्यशाला के प्रारम्भ में अपने सम्बोधन में श्रीमती हीरा देवी ने कहा कि में बहुत ही साधारण परिवार से पैदा होकर केवल जागरुकता एवं जानकारी के आधार पर पालिका अध्यक्ष पद को कुशलता पूर्वक चला रही हूं। ठीक इसी प्रकार हमारी बहनो को भी जानकारी करते हुए आगे बढ़ाना चाहती हूं।
कार्यक्रम का समापन महिला आन्दोलन बुन्देलखण्ड की प्रभारी मीरा सिहं ने किया। उन्होंने अपने गांव से प्रारम्भ किए सफर और शादी के बाद वकालत करने तक संघर्ष के अनुभव बताए। कार्यशाला में सन्दर्भ व्यक्तियो ने मीरा दीदी से पूछो''में दिए कानूनो की विस्तृत जानकारी दी गई जिसमें अपराधिक कानून बलात्कार,दहेज,घरेलू हिंसा,बाल विवाह आदि कानूनो की जानकारी दी गई। शिविर में औडेरा,नौरंगा सहित आधा दर्जन गांवों की महिलाओं ने भाग लिया। संस्था की निदेषक मीरा शर्मा ने सभी का आभार जताया।
मीरा शर्मा
सुमित्रा सामाजिक कल्याण संस्थान में महिला मुद्दो पर काम करती है।
My final words of advice to you are educate, agitate and organize; have faith in yourself. With justice on our side I do not see how we can loose our battle.. The battle to me is a matter of joy. The battle is in the fullest sense spiritual. There is nothing material or social in it. For ours is a battle not for wealth or for power. It is battle for freedom. It is the battle of reclamation of human personality…. Dr. B.R.Ambedkar "If you are neutral in situations of injustice, you have chosen the side of the oppressor. If an elephant has its foot on the tail of a mouse and you say that you are neutral, the mouse will not appreciate your neutrality." (Desmond Tutu)
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